
यही विविधता में अनेकता में एकता भारत को एक बेहतरीन देश साबित कर रहा है। भारत ही ऐसा देश है जहा बहुत स्पष्ट है वहा की विविधता। जहा कई धर्म,जाति,संस्कृति ओर परंपरा के लोग एक साथ रहते है।
इसी ओर 20 हजार से अधिक आबादी जहा हिन्दु-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाइ ओर विभिन्न जातियों के लोग रह रहे है ओर इस नगर की यही विशिष्टता है जहा एक पंगत पर सभी जातियों के लोग किसी न किसी अवसर पर साथ में बैठकर सहभोज करते है। आम भाषा में नगर भोज या सर्वधर्म समाज के लोगो का सहभोज इसको नगर चौरासी के नाम से जाना जाता है।
नगर चौरासी का मतलब यहा के लोगो द्वारा बताया जाता है चौरासी जातियों सभी कौम के लोग।
लगभग यह नगर चौरासी सन् 2000 से अभी तक यह जारी है लगभग 15 से 20 हजार लोगो द्वारा इसमे भाग लिया जाता है। यह नगर चौरासी किसी प्रसंग या मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा पर होती है। लगभग 18 से अधिक नगर चौरासी हो चुकी है। यह भारत की सबसे प्राचीन परपंरा कहे तो अतिशयोक्ति नही होगी।
यह राजगढ़ नगर हर समाज का व्यव्हार,शांति का संदेश ओर अपनी एक खुद की एक शैली में एक विश्वास की झलक को दर्शाता है यह एक प्रेरणा है कि हम सब एक है। भारत के लिए यह नगर चौरासी शब्द अनेकता में एकता का एक सन्देश है।
पत्रकार अक्षय भण्डारी राजगढ़(धार) मध्यप्रदेश।
मों.9893711820
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