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THIS TRADITION IS LAUDABLE AND HAS GAINED PRAISE FROM THE WORLDWIDE BOOK OF RECORDS FOR PROMOTING UNITY IN DIVERSITY

 


THIS APPRECIATION CERTIFICATE IS AWARDED TO THE NAGAR CHAURASI FESTIVAL - A UNIQUE TRADITION OF RAJGARH (DHAR), MADHYA PRADESH, INDIA WHERE PEOPLE OF DIFFERENT RELIGIONS AND CASTES GATHER IN LARGE NUMBERS IN THE NAME OF HARMONY. THIS TRADITION IS LAUDABLE AND HAS GAINED PRAISE FROM THE WORLDWIDE BOOK OF RECORDS FOR PROMOTING UNITY IN DIVERSITY

https://www.worldwideworldrecords.com/post/nagar-chaurasi-festival-a-unique-tradition

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World Records (Nagar Chaurasi) Certificate and Letter

राजगढ़ नगर- एक परिचय

  मध्य प्रदेश की धार जिले के सरदारपुर अनुविभाग राजगढ़ नगर आता हैॅ। यह एक व्यापारिक नगर कहा जाता है। इस नगर में सोना-चाॅदी , कपड़ा , अनाज आदि का व्यापार प्रमुखतः होता है।    इस नगर में दादा गुरुदेव की कार्यस्थली रहने के कारण यहां घर-घर में राजेन्द्रसूरिष्वरजी महाराजा के प्रति भक्ति भावना की बनी रहती है। यहा हर वर्ग गुरुदेव की जयकारें लगाते है। साथ ही मालवभूषण आचार्य श्री नवरत्नसागरजी की गृहनगरी भी है ओर पांच धाम एक मुकाम अति प्राचीन माताजी मन्दिर क्षेत्र का ऐसा मन्दिर है जो जन जन की आस्था का केन्द्र है।   राजगढ़ नगरी को मन्दिरो की नगरी भी कहा जाता है।

विविधता में अनेकता में एकता का सन्देश देती नगर चौरासी-

           मध्यप्रदेश के जिला धार तहसील सरदारपुर के नगर राजगढ़ नगर में परंपरा नगर चौरासी में हिंन्दुओ,मुस्लिम अन्य धर्मो व सभी जातियों का भाग लेना विविधता में अनेकता में एकता का सन्देश देती है।   यही विविधता में अनेकता में एकता भारत को एक बेहतरीन देश साबित कर रहा है। भारत ही ऐसा देश है जहा बहुत स्पष्ट है वहा की विविधता। जहा कई धर्म,जाति,संस्कृति ओर परंपरा के लोग एक साथ रहते है।   इसी ओर 20 हजार से अधिक आबादी जहा हिन्दु-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाइ ओर विभिन्न जातियों के लोग रह रहे है ओर इस नगर की यही विशिष्टता है जहा एक पंगत पर सभी जातियों के लोग किसी न किसी अवसर पर साथ में बैठकर सहभोज करते है। आम भाषा में नगर भोज या सर्वधर्म समाज के लोगो का सहभोज इसको नगर चौरासी के नाम से जाना जाता है।   नगर चौरासी का मतलब यहा के लोगो द्वारा बताया जाता है चौरासी जातियों सभी कौम के लोग।    लगभग यह नगर चौरासी सन् 2000 से अभी तक यह जारी है लगभग 15 से 20 हजार लोगो द्वारा इसमे भाग लिया जाता है। यह नगर चौरासी किसी प्रसंग या मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा पर होती है।...